CIRCLE KABADDI


                      वृत्त कबड्डी
                 (CIRCLE KABADDI)

 वृत कबड्डी का वर्णन 

खेल सम्बन्धी महत्त्वपूर्ण जानकारी
(1) यह खेल दो टीमों के मध्य होता है। प्रत्येक टीम में 10 खिलाड़ी खेलते हैं तथा दो खिलाड़ी स्थानापन्न
(Substitutes) होते हैं।
(2) खेल के दौरान किसी भी खिलाड़ी को चोट लग जाने पर उसका स्थान अतिरिक्त खिलाड़ी ग्रहण कर लेता है।
(3) खिलाड़ी केवल नंगे पांव खेल सकता है।
(4) खिलाड़ी कड़ा, अंगूठी आदि पहनकर नहीं खेल सकता।
(5) कोई भी खिलाड़ी निरन्तर दो से अधिक बार आक्रमण नहीं कर सकता।
(6) ऐसा स्पर्श या आक्रमण मना है जिससे खिलाड़ी के जीवन को भय उत्पन्न हो।
(7) मैदान के बाहर से कोचिंग देना मना है।
(8) विपक्षी खिलाड़ी आक्रामक खिलाड़ी के मुंह पर हाथ रख कर कबड्डी बोलने से नहीं रोक सकता।
(9) कोई भी खिलाड़ी तेल लगा कर नहीं खेल सकता।
(10) यदि कोई खिलाड़ी दम भरते समय मार्ग में सांस तोड़े तो रैफरी दुबारा दम भरने के लिए कहता है।
तक होता है। केन्द्रीय रेखा इसे दो बराबर भागों में बांटती है। केन्द्रीय रेखा के मध्य में 20 फुट का गेट होता है।

खेल का मैदान (Play Ground)-  खेल का मैदान वृत्ताकार (Circular) होता है। वृत्त का अर्द्धव्यास 65 से 75 के दोनों सिरों पर मिट्टी की ढेरियां बनाई जाती हैं। इन्हें पाला कहते हैं। प्रत्येक पाले का व्यास 6 इंच होता है। इनकी है। यह पालों से साइडों की ओर 15 फुट दूर होता है। यह मध्य रेखा को जा स्पर्श करता है तथा पाले इसके मध्य में की खेल के पश्चात् 5 मिनट का अवकाश होता है। अवकाश के पश्चात् दोनों टीमें पक्ष बदल लेती हैं।
खेल की अवधि (Duration of Play)-खेल 20-20 मिनट की दो अवधियों में खेला जाता है। पहले 20 मिनट
 आ जाते हैं।
 
टीम (Teams)– प्रत्येक टीम में दस खिलाड़ी होते हैं। इनके अतिरिक्त दो खिलाड़ी रिजर्व में होते हैं । मैच के अन में एक टीम में 10 खिलाड़ियों की संख्या बनी रहनी चाहिए। यदि कोई टीम 10 खिलाड़ियों से कम खिलाड़ियों से खेल रही है तो विरोधी टीम में उतने ही खिलाड़ी
कम किए जाएंगे जितनी कि दूसरे खिलाड़ियों की संख्या 10 के कम है। जो भी टीम कम खिलाड़ियों के साथ खेल रही है उसका कोई खिलाड़ी रैफरी को सूचित करके खेल में सम्मिलित हो सकता है। यदि किसी खिलाड़ी को खेल के दौरान चोट लग जाती है तो उसे रिजर्व खिलाड़ी से बदल लिया जाता है।

निर्णय (Decision) - मैच में जो टीम अधिक अंक प्राप्त करती है उसे विजयी घोषित कर दिया जाता है। मैच
बराबर रहने की दशा में 5-5 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाता है।

अधिकारी (Officials)-  मैच के निम्नलिखित अधिकारी होते हैंअम्पायर (2), रैफरी (1) स्कोरर (1), टाइम-कोपर (
अपने-अपने अर्द्धकों में दोनों अम्पायर निर्णय देने का काम करते हैं। किसी विवाद की स्थिति में रैफरी का निर्णय अन्तिम माना जाता है।

टॉस (Toss) दोनों टीमों में कप्तान साइड के चुनाव के लिए या पहले खिलाड़ी भेजने के लिए टॉस करते हैं।
पोशाक (Dress)-खिलाड़ी जांधिए पहन सकते हैं। जांधिए का रंग टीम के अनुसार होता है। खिलाड़ी नंगे पांव या फिर पतले रबड़ के तलों वाले टैनिस शू पहनकर खेल सकते हैं। खिलाड़ी अंगूठी (Rings), कड़े आदि धारण नहीं कर सकते क्योंकि इनसे विरोधी खिलाड़ी को चोट पहुंचने की सम्भावना होती है।

वृत कबड्डी का विशिष्ट वर्णन

1. खेल मैदान का आकार- वृत्ताकार
2. वृत्त का अर्द्धव्यास-65 से 75 फुट (50 से 70 सें०मी०)
3. पाले का फासला- 20 फुट (6.10 मीटर)
4. पाले का व्यास- 6" या (15 सें०मी०)
5. खेल का समय- 20-20 मिनट की दो पारियां
6. टीम के खिलाड़ियों की गिनती- 10 खिलाड़ी, 2 बदल
7. मैच के अधिकारी - 1 रैफरी, 2 अम्पायर, 1 स्कोरर, 1 टाइम कीपर।

            खेल के साधारण नियम
             General Rules of Play
(1) खिलाड़ी बारी - बारी से 'कबड्डी' शब्द का उच्चारण करते हुए विरोधी पक्ष की ओर से करेगा।  कबड्डी पालों से शुरू होना चाहिए और सभी को सुनाई देनी चाहिए।  रास्ता में सांस और वापिस मुड़ते समय पालों तक सांस कायम रहना चाहिए।
 (2) कोई भी खिलाड़ी दो बार कब तक डाल सकता है।  (3) कबड्डी डालने वाला खिलाड़ी कम - से - कम आवश्यक सीमा को स्पर्श करता है।  यदि वह ऐसा नहीं करता तो अम्पायर उसे फिर कबड़े डालने के लिए कह सकता है। 
 (4) प्रत्येक खिलाड़ी को कई बार कबड्डी डालनी चाहिए।  ऐसा न हो कि खेल पर एक दो प्रमुख खिलाड़ी एक देय राशि जमा करें
 (5) जब कोई खिलाड़ी किसी विरोधी खिलाड़ी को स्पर्श करके वापस मुड़ रहा है तो उसका पीछा उस समय तक नहीं किया जा सकता जब तक वह अपने पक्ष की आवश्यक रेखा पार नहीं कर लेता।  
(6) कबड्डी डालने वाला और विरोधी पक्ष के खिलाड़ी छूने या पकड़ने के समय शेष सभी खिलाड़ी प्वाइंट का फैसला दिए जाने तक अस्थायी रूप में आऊट माने जाते हैं।
 (7) अस्थायी रूप में खिलाड़ी दूर रहते हैं।  गार्ड टीम के खिलाड़ी द्वारा कोई बाधा उत्पन्न करने की दशा में आक्रामक टीम को पवैत मिल जाता है। 
(8) आक्रमण के समय 'छूने' या पकड़ हो जाए और यदि कबड्डी डालने वाला या विरोधी खिलाड़ी सीमा रेखा से बाहर चला जाए तो विरोधी टीम को 1 अंक मिलेगा।  यदि दोनों खिलाड़ी बाहर निकल जाते हैं तो किसी को कोई प्वाइंट नहीं मिलेगा। 
 (9) कोई भी ऐसी पकड़ या आक्रमण अयोग्य है जिसमें खिलाड़ी के जीवन को खतरा है।  मार मारना, दांतों से काटना, जांघे को पकड़ना वर्जित है।  
(10) शरीर पर तेल या चिकनाहट वाली वस्तुओं का लेप करना मना है।  
(11) मैदान के बाहर से कोचिंग वर्जित है, यदि चेतावनी देने के बाद कोचिंग जारी रहती है तो जिस टीम को कोचिंग दी जा रही है उसका एक अंक काट दिया जाए।  
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